जीवन में निराशा को स्थान नहीं देना चाहिए


जीवन में निराशा को स्थान नहीं देना चाहिए। अगर तुम्हारे जीवन में निराशा है,तो आशा भी तो है! आशा यह है कि कल सूर्य दोबारा उदय होगा। जैसे सूर्य उदय होता है और अस्त होता है, दिन समाप्त होता है और रात्रि आती है, उसी प्रकार तुम्हारे जीवन में भी एक नया दिन आता है। उस नये दिन का स्वागत करो। 

अपनी आशाओं को देखो, अपने आनंद को देखो। यह तुम्हारे लिए आशाओं से भरा हुआ नया दिन है, नयी सुबह है।मैंने अपना जीवन लगाया है ताकि लोगो का भला हो सके लोग अपनी प्यास को बुझा सके अपने जीवन को सफल बना सके और सारे संसार में मैं भ्रमण करके यहीं कोशिश करता हूँ और जैसे भी मैं कोशिश कर सकता हूँ वहीं कोशिश कर रहा हूँ और ये तब तक कोशिश करता रहूँगा जब तक मेरे शरीर में ये स्वांस हैं।   
                  
आये हैं सो जायेंगे, राजा रंक फ़कीर 
एक सिंघासन चढ़ि चला, एक बांधे ज़ंजीर 

इस संसार से जाना तो सबको है, परंतु जाते समय एक कहेगा, “मैंने ये नहीं किया, मैंने वो नहीं किया; मेरी यह इच्छा पूरी नहीं हुई, मेरी वह इच्छा पूरी नहीं हुई.” परन्तु जिसको आत्मा का ज्ञान है, वह कहेगा, “हे प्रभु! मैं आपमें लीन होने के लिए तैयार हूँ.” क्यूंकि बात समझ में आ गई. अगर यह बात समझ में आ गई, तो मैं सच कहता हूँ तुम्हारी ज़िन्दगी के अन्दर वाह-वाह हो जायेगी.

ईश्वर को प्राप्त करने के लिए उसके प्रेम में डूबने की आवश्यकता है जो मनुष्य इस तथ्य को समझ लेता है,वही ज्ञानी है l बनाने वाले ने जो स्वर्ग यहां बनाया है,उसको अनुभव करने की जरूरत है l हजारों-लाखों लोग हैं;जो दिन-रात इसका आनंद ले रहे हैं और जीवन को सफल कर रहे हैं । उसका अनुभव लड़ाई के मैदान में भी किया जा सकता है। जिस दिन तुमको समझ आ जायेगा कि तुम्हारा भगवान तुम्हारे ही अंदर है, और तुम उनको जान कर उनकी भक्ति करने लगोगे, उस दिन तुम्हारा इस धरती पर आना सफल हो जायगा !! 

स्वांस से मूल्यवान इस दुनियां में कुछ भी नहीं है। चाहे करोड़पति हो। या भिखारी। शिक्षित हो। या अशिक्षित।दुनिया का सारा चक्कर इसके साथ ही खत्म हो जाएगा। अगर इस स्वांस को नहीं समझ पाए तो जो ये अनमोल उपहार मिला है वह भी हाथ से निकल जाएगा। विश्वास तब तक ठीक है, जब तक जानने का तरीका नहीं मालूम। पर अगर जानने के तरीके को ही छोड़ दिया, और विश्वास में ही फॅसे रहे, तो फिर अनुभव कैसे होगा ?