ईश्वर का निश्चित नियम

 ये ईश्वर का निश्चित नियम है, और ये नियम किसी के लिए किसी भी युग में नहीं बदला, इसके बहुत से उदाहरण और भी हैं, जैसे बालि, दुर्योधन, और भी बहुत से, जिसने भी निर्दोषों का शोषण किया, उसने अपने पुण्य क्षीण कर अपने पाप कर्म बढ़ा लिए, और फिर उसका पतन उसके उन्ही पाप कर्मो ने कर दिया, इसलिए हमें जीवन में हर कार्य बहुत सोच विचार कर कार्य करना चाहिए, कोई भी कार्य हो, बहुत ही जाँच परख कर, नहीं तो फायदे की जगह कभी कभी नुकसान भी हो जाता है, और कभी कभी तो इतना नुकसान हो जाता है, की उसकी भरपाई भी नहीं हो पाती,