सबसे बड़ा मंत्र


 सबसे बड़ा भागवत गुरु मंत्र 

कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा


सांसारिक भोग विलास में लिप्त होने के कारण मन अगर झूठ, कपट, बेईमानी, अहंकार के अलावा कुछ स्वीकार्य ही नहीं करना चाहता, तो एक काम शुरू कर दो, जिसमें आपका लगाव हो, उस परमात्मा का नाम जपना शुरू कर दो, जैसे जैसे नाम जप बढ़ेगा, मन खुद अच्छी तरफ मुड़ जायेगा, जप करते रहो, जहां भी मौका मिले, उठते बैठते, चलते, फिरते, किसी भी समय, कोई विधान करने की जरूरत नहीं, नाम जप में इतनी ताकत है, की वो खुद आपके लिए सारे अच्छे विधान कर देगा,