धन की गति


 अन्यायोपार्जितं द्रव्यं दश वर्षाणि तिष्ठति । प्राप्ते एकादशे वर्षे समूलं च विनश्यति ।। " इस श्लोक का अर्थ है कि अन्याय और गलत ढंग से कमाया धन ज्यादा से ज्यादा 10 साल तक इंसान के पास रहता है. इसके बाद निश्चित ही इस धन का विनाश होना है.