एक महिला सौंदर्य, निःस्वार्थ प्रेम, पवित्रता, अनुग्रह और गरिमा की मूर्ति है।



एक महिला सौंदर्य, निःस्वार्थ प्रेम, पवित्रता, अनुग्रह और गरिमा की मूर्ति है। वह सदाचार, महान आंतरिक शक्ति, जबरदस्त धैर्य, लचीलापन और दृढ़ता का प्रतीक है। वही मूल्य वह अपने आसपास के सभी लोगों में पैदा करती है।

स्त्री जन्म देती है, वह मौत से बचाती है, वह आगे बढ़ाती है,

वह दया, करुणा, ममता और प्रेम की पवित्र मूर्ति है । नारी मनुष्य के जीवन की जन्मदात्री है।

वह माता के समान हमारी रक्षा करती है, मित्र के समान शुभ कार्यों के लिए प्रेरित करती है, बाल्यावस्था से लेकर मृत्युपर्यंत वह हमारी संरक्षिका बनी रहती है। नारी सृष्टि के आरम्भ से अनन्त गुणों की खान रही है।

विश्व में कोई वस्तु इतनी मनोहर नहीं, जितनी की सुशील सुंदर नारी,

 शक्ति महिलाओं की प्रतीक है। प्रकृति की बेहतरीन और सबसे सुन्दर रचना है। इनके बिना कोई निर्माण संभव नहीं है।

स्त्री का शारीरिक सामर्थ्य भले ही कम हो, उसकी वाणी में असीम सामर्थ्य है।