बहुत से मानुष जो ये सोचते है की गलत तरीके से कमाये हुए पैसे का कुछ भाग दान पुण्य में लगाने से गलत कार्य का भी फल अच्छा हो जायेगा,


 बहुत से मानुष जो ये सोचते है की गलत तरीके से कमाये हुए पैसे का कुछ भाग दान पुण्य में लगाने से गलत कार्य का भी फल अच्छा हो जायेगा, ये सोच गलत है, ये तो वही सोच है की साफ मीठे पानी में कीचड़, कंकड़, गन्दगी मिलाने से वो साफ पानी का ही स्वाद देगा, गलत कार्यों के द्वारा कमाए धन का अंश भगवान को समर्पित करने से आप पर भगवान की कृपा हो या न हो, भगवान का क्रोध आप पर, आपकी संतति पर अवश्य बरसेगा, ऐसे तो हर कोई गलत कार्य करके भगवान को चढ़ावा चढ़ा कर अपने कर्मों को अच्छा करने लगे, तब फिर कोई सही कार्य करेगा ही क्यों, और ईश्वर इस कृत्य को मान्यता देकर अपने सत्य नियमों से खिलवाड़ करेगा, ये तो मुमकिन नहीं