समय के साथ रहेगा कोई नहीं, काल खा सबको जायेगा, लेकिन आपके कर्म आपका सही गलत भविष्य जरूर तय करेगें,


 गहन चिंतन मनन, करिये, आज आपको इस दुनिया से गये 200 से ज्यादा साल हो गये, अब आप आज की ज़िंदगी और 200 साल बाद की ज़िंदगी की तुलना करिये, आज की ज़िंदगी, आप हैं, आपका काम धंधा है, घर परिवार है, आप अपना कार्य कर रहे हैं, आपको जो मेहनताना मिलता है, उससे आपको मतलब नहीं, आपको जबतक दूसरों का खून चूष कर, बेईमानी करके, धमका करके, कैसे भी करके ऊपर की कमाई नहीं होती, तब तक आप अपने कार्य मे अड़े रहते हैं, मतलब आपका इस तरह से कमाना परम उद्देश्य बन गया है, उस पैसे से आप अपना घर परिवार चला रहे हैं, उस पैसे से आपने एक घर बनवाया, उससे एक कार ली, और भी बहुत कुछ, आपने अपना पूरा जीवन ऊपर की कमाई में लगा दिया, आपका कार्य कोई भी हो, एक दिन तो सबको जाना है, लेकिन आप ये भूल गये, आप कमाई के, ऊपरी कमाई केचक्कर में इस तरह उलझे, की कब यमराज का बुलावा आ गया, आप जान न पाये, बुरे कर्मो से आपको गलत योनियों में जीवन मिला, मान लिया आज आप 200 साल बाद अपने बुरे कर्मो के कारण एक गंदे कीड़े की योनि में हैं, और वहीं पर हैं, जहाँ आपका घर था, आपके जाने के बादआपकी एक और पीढी खत्म हो चुकी है, आपकी कार, घर, मकान अब कुछ नहीं है, आपके मकान को तोड़ दिया गया, और उसको बेच दिया गया, आज वहाँ कूड़ा घर है, और उस कूडा घर में आप एक गंदे कीड़े की योनि में है, अपने घर में, जिसको बनाने के लिए आपने किसी भी स्तर की बेईमानी, मक्कारी नहीं छोड़ी, 


अब बहुत से लोग कहेगें, की ये न करते तो क्या करते, कुछ और करते तो क्या ये सब बचा रहता, बचा तो नहीं रहता, लेकिन अगर आप सच्चाई, ईमान दारी के साथ, धर्म परायण होकर जीवन यापन करते, तो आप अपने सत्कर्मो की वजह से गंदे कीड़े नहीं बनते, कहीं किसी मनुष्य रूप में होते, या परम पद को प्राप्त हो गये होते, समय के साथ रहेगा कोई नहीं, काल खा सबको जायेगा, लेकिन आपके कर्म आपका सही गलत भविष्य जरूर तय करेगें, 

निर्णय आपके हाथ, 200 साल बाद आप खुद को किस रूप में देखना चाहेंगे