ईश्वर कहाँ हैं, उसे कैसे पहचाने


 ईश्वर कहाँ हैं, उसे कैसे पहचाने


ईश्वर हर जगह है, संपूर्ण चराचर जगत में, हर एक वस्तु में, और सबसे बड़ी बात खुद आप में, 

जीव जो है वो ईश्वर का अंश ही है, और जब वो ईश्वर का अंश निकल जाता है, तो शरीर निर्जीव हो जाता है, और जो निकल जाता है, वही जीव है, जो ईश्वर का अंश है, 


उसी ईश्वरीय अंश को पहचानना है, उसी को जाग्रत करना जीवन का लक्ष्य है, और उस ईश्वरीय अंश को चरम सीमा तक जाग्रत कर ईश्वर से साक्षात्कार करने के लिए उसको हद सीमा तक तरासना जरूरी है, और इसके लिए ईश्वरीय भक्ति जरूरी है, नाम जप जरूरी है, ईश्वर भक्ति, नाम जप वो जौहरी हैं, जो एक सांसारिक इंसान को मोह माया से मुक्त कर देते हैं,