अगर कोई व्यक्ति ईश्वर की पूजा करता है, ईश्वर चर्चा करता है, सभी कार्य ईश्वर को समर्पित करके करता है, और समाज में कुछ लोग उसकी हँसी उड़ाएं तो क्या अपने पथ से पीछे हटना चाहिए,
अगर कोई व्यक्ति ईश्वर की पूजा करता है, ईश्वर चर्चा करता है, सभी कार्य ईश्वर को समर्पित करके करता है, और समाज में कुछ लोग उसकी हँसी उड़ाएं तो क्या अपने पथ से पीछे हटना चाहिए,
बिल्कुल नहीं, ईश्वर भक्ति बहुत कठिनता से मिलती है, ईश्वर भजन बड़े पुण्य कर्म होने पर ही हो पाता है, ईश्वर को सब कुछ समर्पित करके कार्य करना बड़ा कठिन कार्य है, ईश्वर भक्ति की दिशा मे संसारी जन आपकी कितनी हँसी उड़ाए, कितना मजाक उड़ाए, लेकिन ईश्वर भक्ति के लक्ष्य में कोई परिवर्तन, कोई कमी नहीं करनी चाहिए, जीवन का परम लक्ष्य ईश्वर भक्ति ही है, निर्मल मन से भगवत भजन, भगवत नाम जप, ईश्वर की चर्चा करने पर कोई आपको पागल भी कहे, कोई परेशानी नहीं, भगवान् तक बड़ी पहुँच बनाने के लिए ईश्वर भजन, ईश्वर नाम चर्चा, नाम जप, दयालुता, ईमानदारी, सत्य वचन बहुत जरूरी है, इसके लिए पूरी दुनिया आपके विपरीत हो जाये, तब भी आपको ईश्वर प्राप्ति की राह ही चुननी चाहिए,
चाहे आप गृहस्थ हो, या संयासी
