क्या ईश्वर प्राप्ति के लिये संयासी होना ही जरूरी है


 क्या ईश्वर प्राप्ति के लिये संयासी होना ही जरूरी है


ईश्वर प्राप्ति के लिए ये कोई नियम नहीं है की आप संयास ग्रहण करें, तभी ईश्वर प्राप्ति हो सकती है, ईश्वर प्राप्ति के लिए झूठ, कपट, क्रोध से मुक्त मन भाव, मान,अपमान से दूर, ये गुण होने ही चाहिए, और ये गुण जिसमें होंगे, ईश्वर की कृपा उसके उपर ज्यादा होगी, गृहस्थ अगर दस हजार मंत्रो का जाप करे, उसको जो फल मिलेगा, संयासी को वही फल एक लाख मंत्रो के जाप से मिलेगा, लेकिन मन का निर्मल होना बहुत जरूरी है, बहुत से साधू देखने को मिल जायेंगे, की वो साधू होकर भी मोह माया मे पड़े हैं, 


पुराणो मे देखने को मिलता है, और वर्तमान मे भी देखने को, की उपदेश देने वाले गुरु पर ईश्वर की वो कृपा नहीं हुई, की उनके भक्त पर हो गई, जबकि गुरु ज्यादा ज्ञानी थे, ईश्वर की महान कृपा के लिए ज्ञान होने के साथ साथ भाव बहुत जरूरी है, मन निर्मल हो गया, मन का भाव निर्मल हो गया, बस, ईश्वर रीझ जायेगा, और मन का भाव निर्मल होना बहुत ही कठिन है, संसार का सबसे कठिन कार्य है, मन का भाव निर्मल होना, मन का निर्मल होना