जीवन में पैसा ही सब कुछ है


 जीवन में पैसा ही सब कुछ है


जीवन मे पैसा सब कुछ है, सर्वस्व है, हाय पैसा, हाय हाय पैसा, कैसे भी आये पैसा, कुछ भी करना पड़े, कोई रोता हो, हमे मिलेगा पैसा, कोई गरीब, बहुत गरीब किसी अफसर के पास गया, किसी महत्वपूर्ण कागज पर हस्ताक्षर करवाने थे, अफसर ने अपने मात हत से कहा, गरीब से कह दो, की दे पैसा, तभी काम होगा, वो रोया, गिड़गिड़ाया, लेकिन उसने जो काम वो बिना पैसे से कर सकता था,उसने नहीं किया, वो सबसे कहता था, की पैसा है तो सब कुछ है, पैसे से सब कुछ खरीद लेंगे, कैसे भी पैसा कमाओ, कोई फर्क नहीं पड़ता, समय का चक्र घूमता गया, उसका इकलौता बेटा, 20 साल का हो गया, अचानक बीमार हो गया, बड़ा आदमी था, खूब पैसा कमाया था, कैसे भी करके, घर वालों से बोला, की कोई चिंता की बात नहीं, मेरे पास बहुत पैसा है,मैंने बहुत पैसा कमाया है, पैसे से मै हॉस्पिटल खरीद सकता हूँ, तो इलाज कौन बड़ी बात, खूब पैसा बटोर कर इलाज के लिए चल दिया,पैसा बिना कुछ नहीं, पैसे होंगे, तो सब कुछ खरीद लेंगे, बीमारी भी खतरनाक, हॉस्पिटल बदलने लगे,लेकिन बीमारी सही नहीं हो रही, महीनों बीतने लगे, अब तो उसको डर लगने लगा, जिस पैसे की दम पर वो सब कुछ खरीदने का दम भरता था, उससे अपने बच्चे को ठीक नहीं कर पा रहा था, सारा बैंक बैलेंस खत्म हो गया, 6 महीने हो गये, अब उसने डॉक्टर से कहा, की डॉक्टर साहब, मेरे लॉकर मे अभी भी करोडो जमा हैं, मै सब दे दूंगा, बस मेरे बच्चे को बचा लो, डॉक्टर बोला, मै पूरा प्रयास कर रहा हूँ, लेकिन मेरे पास भी दवा है, इलाज के लिए, अब तो कोई दुआ ही काम आ सकती है, तब उसका दिमाग घूमा, की जीवन में पैसे के चक्कर में सबकी बद्दुआएं ही ली, दुआ तो किसी की ली ही नहीं, यही सब सोच ही रहा था, की तभी अंदर से नर्स ने आकर डॉक्टर से कहा, की मरीज की हालत बहुत गंभीर है, जल्दी चलिए, वो अभागा लाचार पिता अंदर गया, अंदर जैसे ही गया, बेटे ने हँस कर कहा, पापा बाय बाय, नमस्ते, और सदा के लिए अपनी आँखे बंद कर ली, पिता अपने बेटे के चेहरे को देख रहा था, मानो वो कह रहा हो, की पापा, पैसा सब कुछ होकर भी कुछ भी नहीं होता, दुआएं बहुत कुछ होती है, 

उसी समय उस अभागे पिता ने आदेश दिया, की मेरी बची हुई संपत्ति लूटा दी जाये, और खुद वहाँ से निकल लिया, और निकल कर क्या करने लगा, रास्ते में जो मिलता, गरीब, अमीर, सब के चरण स्पर्श करता, और हाथ जोड़कर खड़ा हो जाता, दुआओ की आस में, यही नियम था उसका, 

वो समझ गया था,पैसा ही सब कुछ है, पैसे से कुछ भी खरीदा जा सकता है, सब कुछ खरीदा जा सकता है,