अगर देश और समाज के सुधार के लिए आपसे कुछ नहीं बन पा रहा है, तो देश और समाज के बिगाड के भी कार्य मत करिये,
जेलो में कैदी कैसे कम हो सकते हैं
सभी जेलो में कैदियों के द्वारा किये गये कार्यो के आधार पर उसकी जो सजा बनती हो, उसकी एक डॉक्यूमेंट्री तैयार करवाई जाये, प्रति दिन सुबह और शाम को गलत कार्यो के मिलने वाले बुरे फल और अच्छे कार्यो के मिलने वाले अच्छे फल बताने वाले प्रवचन सुनाएँ जाये, और इस तरह के प्रवचन सुनना सभी कैदियों के लिए और जेल कर्मचारियो के लिए अनिवार्य कर दिया जाये, इससे कुछ वर्षों मे ही बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा, अगर इससे 50% अपराधो मे भी कमी आ गई, तो देश समाज के लिए कितना अच्छा होगा, देश के हर नागरिक का कर्तव्य है, वो चाहे शासन हो, प्रशासन हो, आम नागरिक हो या खास नागरिक, आप से देश और समाज के सुधार के लिए कुछ भी बन पड़ता है तो करिये, और अगर देश और समाज के सुधार के लिए आपसे कुछ नहीं बन पा रहा है, तो कुछ न ही करिये, लेकिन समाज के विगाड के कार्य मत करिये, सुधार नहीं कर सकते, तो बिगाड़ तो मत ही करिये
