प्रार्थना करते समय इंसान समझता है कि भगवान सुन रहा है, लेकिन निंदा करते समय यह भूल जाता है.पुण्य करते समय इंसान समझता है कि भगवान देख रहा है, लेकिन पाप करते समय यह भूल जाता है.
दान करते समय इंसान समझता है कि भगवान सब में बसता है, लेकिन चोरी करते समय यह भूल जाता है.