ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, राहु दोष होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. राहु की महादशा करीब 18 साल तक रहती है. ऐसे में व्यक्ति को जीवन में 18 सालों तक कई तरह के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है.
राहु खराब होने के कुछ लक्षण ये हैं:
पेट संबंधी समस्या
सिर दर्द होना
रिश्ते खराब होना
स्वयं को ले कर गलतफहमी
आर्थिक नुकसान
आपसी नुकसान
आपसी तालमेल में कमी
बात बात पर आपा खोना
वाणी का कठोर होना
वाहन दुर्घटना
अपयश की प्राप्ति
अच्छे मित्र न मिलना
सपने में सांप दिखना
नाखून टूटना या खराब नाखून
तेजी से बाल झड़ना
राहु दोष दूर करने के कुछ उपाय ये हैं:
हर सोमवार और शनिवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए और काले तिल अर्पित करना चाहिए.
सुबह स्नान करने के बाद 'ऊँ रां राहवे नम:' मंत्र का 108 बार जाप करें.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पानी में कुश डालकर नहाने से भी कुंडली से राहु दोष कम होता है.
कुंडली में राहु दोष हो तो व्यक्ति के जीवन में कई अशुभ घटनाएं होने लगती हैं. नींद न आना, डरावने सपने आना, सोते समय बार-बार डर जाना, शरीर में कमजोरी या फिर बहुत अधिक आलस कुंडली मे राहु के अशुभ होने का संकेत देते हैं. जब राहु के अशुभ फल दे रहा हो तो उसे शांत करने के प्रयास करने चाहिए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रह है सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु. हर ग्रह की अपनी परिभाषा है. ऐसा ही एक ग्रह है राहु. राहु को अशुभ माना जाता है. राहु तमस असुर है. राहु आरोही या उत्तर चंद्र आसंधि के देवता है. राहु राक्षसी सांप का मुखिया है. राहु ग्रह न होकर ग्रह की छाया है, हमारी धरती की छाया या धरती पर पड़ने वाली छाया. छाया का हमारे जीवन में बहुत असर होता है. राहु के गुण रोग, शत्रुता और ऋण होते हैं. राहु के प्रभाव में लोग निडरता, बहादुरी और आत्मविश्वास से भरे होते हैं. इन गुणों के कारण, इस छाया ग्रह का प्रभाव कलियुग में बढ़ रहा है.
ऐसा माना जाता है कि अगर आपका राहु बली है तो आप अति धार्मिक होंगे जब कि वह राक्षसी ग्रह है. कुंडली में राहु अगर अच्छी स्थिति में बैठे हैं तो इसका प्रभाव सूर्य और बृहस्पति की किरणों पर पड़ता है. जिससे राहु जीवन में लाभ की स्थिति बनाते हैं.
राहु खराब होने के ये हैं लक्षण
माना जाता है कि किसी भी ग्रह के साथ राहु की युति बेहद खराब होती है. जैसे सूर्य और राहु की युति से पितृ दोष, शनि और राहु की युति से श्रापित दोष, चंद्र और राहु की युति से ग्रहण दोष, गुरु और राहु की युति से गुरु चांडाल योग, शुक्र और राहु की युति से पत्भर्थ दोष है. राहु खराब होने से पेट संबंधी समस्या, सिर दर्द होना, रिश्ते खराब होना, स्वयं को ले कर गलतफहमी, आर्थिक नुकसान, आपसी नुकसान, आपसी तालमेल में कमी, बात बात पर आपा खोना, वाणी का कठोर होना, वाहन दुर्घटना, अपयश की प्राप्ति, अच्छे मित्र न मिलना. राहु राजनीति में तमाम उपलब्धियां दिलाता है.
