ज्योतिष के मुताबिक, केतु ग्रह के खराब होने के कुछ लक्षण ये हैं:
स्किन से जुड़ी समस्याएं
जोड़ों में दर्द
सुनने की क्षमता पर असर
संतान प्राप्ति में दिक्कतें
खांसी की समस्या
बाल झड़ना
शरीर की नसों में कमज़ोरी
इसके अलावा, कुंडली में केतु के अशुभ प्रभाव से जीवन में अस्थिरता आ सकती है. जीवन के कई क्षेत्रों में अप्रत्याशित बदलाव आ सकते हैं. केतु के अशुभ प्रभाव से मन में अशांति हो सकती है.
केतु दोष से पीड़ित लोगों में दुर्घटनाएं और सर्जरी, खराब एकाग्रता, अनावश्यक अवसाद, चिंता की समस्या और संपत्ति का नुकसान होने की संभावना रहती है. इससे पूरा जीवन विवादों से घिरा रहता है.
केतु के प्रकोप से बचने के लिए ये उपाय किए जा सकते हैं:
रविवार को कन्याओं को हलवा और मीठा दही खिलाएं.
लहसुनिया रत्न धारण करना शुभ माना जाता है.
पके चावल में थोड़ा सा दही और काले तिल डालकर अच्छे से मिला लें. इसे एक दोने में भरकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में केतु खराब होने पर जातक के बाल झड़ने लगते हैं. नसों में कमजोरी, पथरी की समस्या, जोड़ों में दर्द, स्किन प्राब्लम जैसी समस्याएं होती हैं. जातक की सुनने की क्षमता कम हो जाती है. संतान उत्पत्ति में समस्या होना, यूरिन संबंधी परेशानी होना भी शामिल है
