बुरे कर्मों का फल व्यक्ति को दुख और संघर्ष में डाल सकता है।

 



बुरे कर्मों का फल व्यक्ति को दुख और संघर्ष में डाल सकता है। बुरे कर्म से जीवन में विघ्न आ सकता है।बुरे कर्मों का परिणाम हमारे चरित्र को प्रभावित कर सकता है। बुरे कर्मों से हमारा समाज और परिवार  भी प्रभावित हो सकता है। अच्छे कर्म से ही समाज में सुधार हो सकता है, बुरे कर्म नहीं।बुरे कर्म से उच्चता की प्राप्ति नहीं हो सकती।बुरे कर्मों का परिणाम सद्गुण और सच्चाई से दूर कर सकता है! बुरे कर्मों का परिणाम उत्तेजना और असंतुलन की स्थिति में डाल सकता है।




बुरे कर्मों से बचने के लिए सत्कर्मों का पालन करना आवश्यक है।बुरे कर्मों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए प्रायश्चित्त का पालन करना आवश्यक है। बुरे कर्मों का परिणाम से बचने के लिए आत्म-निग्रह बढ़ाना चाहिए।