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ईश्वर बड़ा या कैमरा "

भगवान कहाँ है, संसार मे जो कुछ प्राकृतिक है, वो सब भगवान की महिमा है, और जो कुछ कृत्रिम है, वो सब मानव (विज्ञान) की महिमा है,

निषिद्ध कर्म (नहीं करने योग्य कर्म)

किसी को इज्जत, सम्मान देना, उसकी मुसीबतों को कम करना, जरूर पर उसका साथ देना, सहजता से मिलना, बात करना, ये जीवन के अनमोल उपहार हैं, बाकी सब दिखावा है

खुद को अच्छा साबित करने की जरूरत नहीं है

अच्छाई बढ़ेगी, तो आपकी बुराई अपने आप कम हो जायेगी

ईमानदारी से कार्य करने का तात्पर्य यह है कि, मुझे जो भी कार्य करने को मिले उसे हम बिना किसी लोभ लालच के पूरा करें

परमेश्वर को भी किसी के हृदय में प्रेम बहुत मधुर लगता है। लेकिन वो सच्चा प्रेम होना चाहिए,

सत्य बहुमुखी प्रतिभा एवं कठिनतम साधना का प्रतीक है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सत्य का विशेष महत्त्व है क्योंकि झूठ के बराबर दूसरा कोई पाप नहीं है।

महादेव देवों के देव हैं। वे ही आदि हैं और अंत भी। वे मनुष्य की चेतना के अंतर्यामी हैं।

मैंनेजमेंट मास्टर कहें या जगतगुरु, गिरधारी कहें या रणछोड़। भगवान कृष्ण के जितने नाम हैं, उतनी कहानियां।

बाहरी सुंदरता वक्‍त के साथ-साथ मिट जाती है, मगर हम अपने मन की सुंदरता को बढ़ा सकते हैं और हमेशा के लिए बरकरार रख सकते हैं।

राम को जानने के लिए उनके जीवन के आदर्शों को जानना बहुत ही आवश्यक है

भगवान भक्त की रक्षा के लिये सदैव खड़े रहते हैं